Chandrayaan-3 Mission :
Chandrayaan-3 Mission के Vikram Lander ने पहला प्रेक्षण ISRO को भेज दिया है जिसमे सतह पर तापमान लगभग 50 डिग्री दर्ज किया है , और 80mm की गहराई में माइनस 10°C दर्ज किया है |
चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया। टेम्परेचर नापने के लिए Vikram Lander ,में ChaSTE में 10 टेम्परेचर सेंसर लगे हैं, जो 10cm की depth तक पहुंच सकते हैं।
ChaSTE को स्पेस फिजिक्स लैबोरेटरी, ने अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के साथ मिलकर बनाया है।
Chandrayaan-3 Mission:
Here are the first observations from the ChaSTE payload onboard Vikram Lander.ChaSTE (Chandra’s Surface Thermophysical Experiment) measures the temperature profile of the lunar topsoil around the pole, to understand the thermal behaviour of the moon’s… pic.twitter.com/VZ1cjWHTnd
— ISRO (@isro) August 27, 2023
तापमान जानने से क्या फायदा ?
ISRO chief एस सोमनाथ ने बताया की चंद्रमा के साउथ पोल चुनने के पीछे रीज़न यह था क्योकि यहाँ भविष्य में इंसानों को बसाने के उपाय मिल सकते है |
साउथ पोल छोर पर सूर्य का प्रकाश कम समय के लिए रहता है | जैसे जैसे Chandrayaan-3 नई-नई जानकारी भेजेगा तो उससे वैज्ञानिक समझने की कोशिश करेंगे की दक्षिणी ध्रुव और वहा के मिटटी कितनी समता है |
14 दिन का है Chandrayaan-3 Mission
Chandrayaan-3 Mission 14 दिन तक चलेगा । क्योकि चन्द्रमा पर 14 दिन तक उजाला और 14 तक रात रहती है । और रात लगातार रहने पर यहाँ तापमान लगभग -100 के नीचे चला जाता है | अभी दिन है जिससे लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल से पावर जेनेरेट कर रहे हैं। इसलिए वो 14 दिन तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन लगातार रात होने से तापमान 100 माइनस में जाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम ख़राब हो जायेगा इसलिए 14 बहुत महत्वपूर्ण है|
Chandrayaan 3 landing live update: इसरो Automatic लैंडिंग स्टार्ट हो चुकी है